क्यूं न करू स्विच ?
अंधियारी निशा का साया
सप्ताह्तं संध्या पर
काम का चरम दबाव
वातानुकूलित लेब मे बैठ
मेरा निशाचरी दिल सोचता हैं
क्यूं न करू स्विच ??
आउट डेटेड बोस के
घिसे - पिटे वादों से क्षुब्ध
आदिकालिन ख्यालों से आहत
अपने ही दोस्तों से प्रतिस्पर्द्धा करता
मेरा सहज दिल सोचता हैं
क्यूं न करू स्विच ??
काम कि तलाश
जिम्मेदारी कि आस
सम्मान कि कसक मे
टीम दर टीम - प़ोजेकट दर प़ोजेकट
मेरा भटकता दिल सोचता हैं
क्यूं न करू स्विच ??
नकारे माहोल मे
मक्कारों के बीच
विलुप्त होते प़ोजेक्टस् का साया
& nbsp;
घटती कार्मिकों कि तादाद से ,
मेरा असुरक्षित दिल सोचता हैं
क्यूं न करू स्विच ??
आर & डी के लिये हायर्ड
डवलपमेंट से बोझिल
टेस्टिगं मे अटका
छुट्टियों को चिरकाल से प़तिक्षित
मेरा कुंठित दिल सोचता हैं
क्यूं न करू स्विच ??
बहुराष्ट्रीय आय से सिंचित
वित्त सरिता सी कंपनी
8% इनक़ीमेंट के चने चबाता
आनसाइट के सपने सपनो मे देखता
मूल्यांकन- समीक्षा मे लताडित
मेरा प़ताडित दिल सोचता हैं
क्यूं न करू स्विच ??
Wednesday, June 20, 2007
Kyon na karoon switch - by Jyaesh bhai swiss wala
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment